धारणा

श्रीगुरुमाई की दीपावली २०२३ की कविता से उद्धृत

दीपावली २०२३ की कविता सर्वत्र उजियारा हो में आपके अभ्यास हेतु गुरुमाई चिद्विलासानन्द ने एक धारणा लिखी है। आप इसे कविता के एक भाग के रूप में सुन सकते हैं। या फिर यदि आप चाहें तो इस पृष्ठ पर जो रिकॉर्डिंग है इसे अलग से सुन सकते हैं और इसे सुनते हुए ध्यान कर सकते हैं।

पल्लवी राठौड़ द्वारा पठन
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